डीडवाना में बिजली के स्मार्ट मीटर लगाने के खिलाफ किसानों का गुस्सा सोमवार को सड़कों पर फूट पड़ा। अखिल भारतीय किसान सभा और जनवादी नौजवान सभा के बैनर तले सैकड़ों किसान मिर्धा पार्क में इकट्ठा हुए और सरकार व विद्युत विभाग के खिलाफ नारेबाजी करते हुए रैली की शक्ल में अधीक्षण अभियंता (एसई) कार्यालय की ओर रवाना हुए।

जैसे ही रैली एसई कार्यालय पहुंची, किसानों ने चारों तरफ से घेराव कर दिया। भीड़ के जोश में कुछ लोग दफ्तर के अंदर घुसने की कोशिश करने लगे, जिस पर पुलिसकर्मियों और किसानों के बीच धक्का-मुक्की हो गई। हालांकि पुलिस ने किसी तरह हालात काबू में कर लिए।

धरना स्थल पर किसान नेता भागीरथ यादव ने मोर्चा संभालते हुए कहा, कि “सरकार और बिजली कंपनियां मिलकर उपभोक्ताओं के घरों में जबरन स्मार्ट मीटर ठूंस रही हैं, जबकि पहले से ही डिजिटल मीटर लगे हुए हैं। आखिर इन नए मीटरों की जरूरत किसे है? ये कदम केवल अरबों रुपये के ठेके दिलाने और कुछ कंपनियों की जेब भरने के लिए उठाया जा रहा है।”

भागीरथ यादव ने चेतावनी देते हुए कहा कि स्मार्ट मीटर योजना न केवल फिजूलखर्ची है, बल्कि उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त बोझ डालने वाली है। उन्होंने कहा,”सरकार किसानों को पूरी बिजली नहीं दे पा रही, ऊपर से बिजली चोरी के झूठे आरोप लगाकर वीसीआर शीट भर दी जाती है। अब स्मार्ट मीटर के नाम पर उपभोक्ताओं को और परेशान किया जा रहा है, जिसे किसान वर्ग किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेगा।”
इस मौके पर किसानों ने अधीक्षण अभियंता एफ.आर. मीणा को ज्ञापन सौंपते हुए स्मार्ट मीटर लगाने की प्रक्रिया पर तत्काल रोक लगाने की मांग रखी। चेतावनी दी गई कि अगर निर्णय वापस नहीं लिया गया, तो आंदोलन को और व्यापक किया जाएगा।