दम तोड़ता कनोई पार्क: उपेक्षा की मार से उजड़ रहा कुचामन का एकमात्र हरित स्थल,पार्क की बदहाली से आमजन का मोहभंग

कुचामन सिटी का कनोई पार्क, जो कभी बड़े-बुज़ुर्गों, महिलाओं, युवाओं और बच्चों के लिए सुकून भरा ठिकाना था, इन दिनों उपेक्षा और अव्यवस्था की मार झेल रहा है। पुराने रोडवेज बस स्टैंड के पास स्थित यह पार्क अब निरंतर देखरेख के अभाव में अपनी पहचान खोता जा रहा है।

ट्यूबवेल बंद, हरियाली सूखी—देखरेख के नाम पर लापरवाही

नगर परिषद के निवर्तमान उपसभापति हेमराज चावला और कांग्रेस नगर अध्यक्ष सुतेन्द्र सारस्वत ने बताया कि कांग्रेस शासनकाल में पार्क में लगवाया गया ट्यूबवेल एक महीने से बंद पड़ा है। समय पर मरम्मत नहीं होने के कारण पार्क की हरी-भरी हेज, दूब और फूलों की क्यारियां सूखकर नष्ट हो गई हैं। पेड़-पौधे पानी के अभाव में जलकर सूख चुके हैं, और जो बचे हैं वे भी मुरझाने की कगार पर हैं। पार्क में लगाई गई झूले और व्यायाम उपकरण टूटकर जमीन पर पड़े हैं, जो लापरवाही की बड़ी तस्वीर पेश करते हैं।

चौकीदार-गार्ड होने के बावजूद पार्क उजड़ क्यों?

चावला और सारस्वत ने सवाल उठाया कि पार्क की देखरेख के लिए नगर परिषद द्वारा चौकीदार, गार्ड और बागवान नियुक्त हैं, जिन पर हर महीने हजारों रुपये खर्च होते हैं। इसके बावजूद पार्क की यह दुर्दशा क्यों? उन्होंने कहा कि नगर परिषद के सफाई निरीक्षक और क्षेत्रीय जमादार ने क्या समय रहते अधिकारियों को पार्क की स्थिति से अवगत कराया या नहीं—इस पर भी जांच होनी चाहिए। जिम्मेदारों की अनदेखी तथा मूकदर्शक बने रहने पर उन्होंने खेद जताया और तुरंत सुधार की मांग की।

ठेकेदार का दावा—“जिम्मेदारी निभा रहा हूँ, परिषद कार्रवाई नहीं कर रही”

पार्क रखरखाव के ठेकेदार और केयरटेकर कमल राजोरिया ने बताया कि वे अपनी जिम्मेदारियों का पूरी तरह निर्वहन कर रहे हैं, लेकिन पिछले एक महीने से ट्यूबवेल बंद होने से बड़ी दिक्कत आ रही है। उन्होंने कई बार नगर परिषद आयुक्त शिकेश कांकरिया और एकाउंटेंट महेश कुमार को समस्या से अवगत कराया, पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। ना ही पानी की वैकल्पिक व्यवस्था की गई है । कमल राजोरिया का कहना है कि चौकीदारों की लापरवाही के कारण कई अव्यवस्थाएं पैदा हुई हैं, और मॉनिटरिंग सही नहीं होने से झूले भी टूट गए।

नगर परिषद आयुक्त का आश्वासन—“जल्द होगा सुधार, लापरवाही पर सख्त कार्रवाई”

नगर परिषद आयुक्त शिकेश कांकरिया ने कहा कि पार्क की समस्याओं की जानकारी उन्हें मिली है और जल्द ही सभी समस्याओं का समाधान किया जाएगा। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि चौकीदारों की लापरवाही और कार्य में कोताही पाई गई, तो उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। आयुक्त ने टूटे हुए झूलों की मरम्मत, सफाई व्यवस्था में सुधार और पार्क को पुनः व्यवस्थित करने का आश्वासन दिया है।

कभी हरियाली का केंद्र, अब उजड़ा चमन

कनोई पार्क की बदहाल स्थिति न केवल नगर परिषद की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करती है, बल्कि शहरवासियों के लिए चिंता का विषय भी है। स्थानीय लोग उम्मीद कर रहे हैं कि प्रशासन जल्द कार्रवाई कर इस पार्क को फिर से जीवन देगा, ताकि कुचामन का एकमात्र हरित स्थल फिर से परिवारों के लिए सुरक्षित, स्वच्छ और सुकूनभरा स्थान बन सके।

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