कुचामन नगर परिषद के निलंबित सभापति आसिफ खान ने अपने निलंबन आदेश को चुनौती देते हुए राजस्थान हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। मंगलवार को मामले की सुनवाई हुई, लेकिन अदालत ने अगली तारीख 3 सितम्बर तय की है। अब सबकी निगाहें इस बात पर टिक गई हैं कि क्या उस दिन आसिफ खान को स्थगन आदेश (Stay Order) मिल पाएगा

कुचामन नगर परिषद के निलंबित सभापति आसिफ खान ने अपने निलंबन आदेश को चुनौती देते हुए राजस्थान हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। आज मंगलवार को मामले की सुनवाई हुई, लेकिन अदालत ने अगली तारीख 3 सितम्बर तय की है। अब सबकी निगाहें इस बात पर टिक गई हैं कि क्या उस दिन आसिफ खान को स्थगन आदेश (Stay Order) मिल पाएगा और वे दोबारा सभापति की कुर्सी पर लौट सकेंगे?
गौरतलब है कि विभागीय जांच रिपोर्ट में आसिफ खान पर नियम विरुद्ध फैसले लेने और पद का दुरुपयोग करने जैसे आरोप सिद्ध पाए गए थे, जिसके बाद राज्य सरकार ने उन्हें निलंबित कर दिया था। इतना ही नहीं, इसी सिलसिले में उपसभापति हेमराज चावला पर भी गाज गिरी और उन्हें न केवल निलंबित किया गया बल्कि पार्षद पद से भी हटा दिया गया। इस दोहरी कार्रवाई ने कुचामन नगर परिषद की राजनीति को हिलाकर रख दिया था ।

हाईकोर्ट में क्या हुआ?
आज हुई सुनवाई में आसिफ खान की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सचिन आचार्य और चयन बोथरा ने पक्ष रखा, जबकि सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता (AAG) राजेश पंवार और आयुष गहलोत पेश हुए। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 3 सितम्बर के लिए तय की है।
कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि स्टे आदेश मिलना पूरी तरह केस की मेरिट और कानूनी बिंदुओं पर निर्भर करेगा। जानकारों का कहना है कि “स्टे मिलेगा या नहीं, अभी कुछ नहीं कहा जा सकता, कोई भी आदेश आ सकता है।”

सस्पेंस बरकरार
आसिफ खान का निलंबन भाजपा खेमे के लिए सियासी हथियार माना जा रहा था, लेकिन अब अगर हाईकोर्ट से उन्हें राहत मिलती है तो कुचामन नगर परिषद की राजनीति में बड़ा उलटफेर तय है। सवाल ये है कि क्या 3 सितम्बर को अदालत से आसिफ खान को राहत मिलेगी और वे दोबारा नगर परिषद की कुर्सी पर काबिज होंगे, या फिर निलंबन आदेश कायम रहेगा और उनकी राजनीतिक जंग और लंबी हो जाएगी।