कुचामन महाविद्यालय में संचालित राष्ट्रीय सेवा योजना (NSS) की दोनों इकाइयों की ओर से सोमवार को नशा मुक्ति हेतु विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य युवाओं को नशे के खतरों से अवगत कराना और उन्हें स्वस्थ, नशा-मुक्त जीवन जीने के लिए प्रेरित करना रहा।

कार्यक्रम की शुरुआत में राष्ट्रीय सेवा योजना की कार्यक्रम अधिकारी तेजस्विनी शर्मा ने उपस्थित स्वयंसेवकों और विद्यार्थियों को नशे के दुष्प्रभावों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि नशा न केवल शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाता है, बल्कि परिवार और समाज पर भी इसका नकारात्मक असर पड़ता है।
दूसरे कार्यक्रम अधिकारी अमित कुमार सेवदा ने कहा कि इस तरह के आयोजनों का मुख्य मकसद युवाओं में जागरूकता फैलाना और उन्हें नशे की गिरफ्त में जाने से पहले सचेत करना है। उन्होंने सभी छात्रों से आह्वान किया कि वे खुद नशा छोड़ने के साथ-साथ अपने आसपास के लोगों को भी नशा छोड़ने के लिए प्रेरित करें।

कार्यक्रम अधिकारी डॉ. रूपचंद भाटी ने स्वयंसेवकों को नशा मुक्ति के लिए जागरूकता फैलाने का संकल्प दिलाया। उन्होंने जोर देकर कहा कि समाज से नशे को मिटाने के लिए युवा पीढ़ी को सबसे आगे आना होगा।
महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. पूरण सिंह गुर्जर ने अपने उद्बोधन में कहा कि नशा केवल शराब, तंबाकू या ड्रग्स तक सीमित नहीं है। किसी भी चीज की अति — चाहे वह ऑनलाइन गेमिंग हो, मोबाइल का अत्यधिक इस्तेमाल हो या सोशल मीडिया का जरूरत से ज्यादा उपयोग — भी एक तरह का नशा है, जो जीवन को बर्बाद कर सकता है। उन्होंने छात्रों से संयमित और संतुलित जीवन जीने की अपील की।

कार्यक्रम के अंत में सभी विद्यार्थियों और स्वयंसेवकों ने हाथ उठाकर नशा-मुक्त जीवन जीने की शपथ ली। इस अवसर पर हेमंत चौधरी, ताराचंद माली और सूरजपाल सिंह सहित अनेक गणमान्य लोग मौजूद रहे।
राष्ट्रीय सेवा योजना की ओर से बताया गया कि ऐसे जागरूकता कार्यक्रम भविष्य में भी जारी रहेंगे, ताकि समाज को नशे के अंधकार से मुक्त कर स्वस्थ और प्रगतिशील दिशा में आगे बढ़ाया जा सके।