केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) में वर्षों तक वीरता व समर्पण की मिसाल रहे राष्ट्रपति पदक से सम्मानित सूबेदार मेजर यासीन खान का सोमवार मध्यरात्रि दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। 85 वर्षीय यासीन खान के निधन से न केवल डीडवाना बल्कि पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई।
नगर के कायम नगर निवासी यासीन खान सेवा-निवृत्ति के बाद भी सामाजिक सरोकारों से सक्रिय रूप से जुड़े रहे। वे कायमखानी कब्रिस्तान, छात्रावास और समाजहित के अन्य कार्यों में हमेशा अग्रणी भूमिका निभाते थे। उनके निधन को समाज ने एक अपूरणीय क्षति बताया है।

स्वर्गीय यासीन खान को अंतिम विदाई देने के लिए अजमेर से सीआरपीएफ की टुकड़ी डीडवाना पहुंची और उन्हें राजकीय सम्मान के साथ श्रद्धांजलि दी गई। निरीक्षक रामस्वरूप के नेतृत्व में जवानों ने पुष्पचक्र अर्पित कर उन्हें अंतिम सलामी दी।
जन सैलाब उमड़ा अंतिम यात्रा में
डॉ. हबीब खान गौराण (पूर्व अध्यक्ष, राजस्थान लोक सेवा आयोग) के चाचा रहे यासीन खान की अंतिम यात्रा में भारी जनसमूह उमड़ा। आरपीएससी के पूर्व अध्यक्ष डॉ. हबीब खान गौराण, जिला परिषद सदस्य मुस्ताक खान खातियासनी, उप सभापति बाबू खान बेगाना, पार्षद प्रतिनिधि नजीर खान, पार्षद इदरीश खान, जिला सीएलजी सदस्य अमजद एच पठान, अजय कुमार व्यास सहित सैकड़ों गणमान्य नागरिकों ने श्रद्धांजलि अर्पित की।
देशभक्ति, सेवा और सामाजिक समर्पण की मिसाल बने सूबेदार मेजर यासीन खान अब हमारे बीच नहीं रहे, लेकिन उनका जीवन आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देता रहेगा।