विश्व साइकिल दिवस के मौके पर कुचामन सिटी में बरगद संरक्षण संस्थान की और से मंगलवार सुबह एक विशेष प्लॉगिंग अभियान का आयोजन किया गया, जिसने ना सिर्फ स्वच्छता का संदेश दिया, बल्कि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक प्रभावी कदम भी साबित हुआ। सुबह 6 बजे, स्थानीय खेल स्टेडियम के बाहर जमा हुए प्रतिभागी साइकिलों से पहुंचे और प्लॉगिंग की गतिविधि में भाग लिया।

प्लॉगिंग एक अभिनव अवधारणा
प्लॉगिंग एक अभिनव अवधारणा है, जिसमें जॉगिंग और कूड़ा उठाने को एक साथ जोड़ा जाता है। यह शब्द स्वीडिश शब्दों ‘प्लॉका अप्प’ (कचरा उठाना) और ‘जोगा’ (दौड़ना) से मिलकर बना है। 2016 में स्वीडन में शुरू हुई यह गतिविधि अब दुनियाभर में प्लास्टिक प्रदूषण के विरुद्ध जागरूकता का माध्यम बन चुकी है। भारत में भी यह विचार धीरे-धीरे लोकप्रिय हो रहा है, विशेषकर इंदौर जैसे शहरों ने इसमें भागीदारी करके स्वच्छता की मिसाल कायम की है। परंतु एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, भारत अब विश्व में सबसे अधिक प्लास्टिक कचरा उत्पादित करने वाला देश बन चुका है, जो चिंता का विषय है।

इस वर्ष के विश्व पर्यावरण दिवस की थीम “Our Land. Our Future. We are #GenerationRestoration” के अनुरूप आयोजित इस प्लॉगिंग कार्यक्रम में नवीन खेल स्टेडियम से लेकर अर्बन सर्कुलर फॉरेस्ट तक फैले प्लास्टिक कचरे को दौड़ते हुए एकत्रित किया गया। महज आधे घंटे की इस गतिविधि में 12 बैग प्लास्टिक कचरा इकट्ठा किया गया, जिसे नियत प्लास्टिक डंपयार्ड में पहुंचाया गया।

पर्यावरण योद्धाओं ने दिए ये संदेश :
मिशन सदस्य डॉ. प्रदीप चौधरी ने कहा, “यह प्रयास समुद्र में ऊंट के मुख में जीरे जैसा है, लेकिन यदि हम सब मिलकर प्रयास करें तो तस्वीर बदल सकती है। प्लास्टिक कचरा माइक्रोप्लास्टिक बनकर हमारे भोजन में घुल रहा है, जिससे हम और जीव-जंतु बीमार हो रहे हैं।”
,मिशन बरगद से जुड़े सदस्य राजेश कुमावत ने बताया, “हर व्यक्ति यदि Refuse, Reduce, Reuse और Recycle को अपनाए, तो हम प्लास्टिक प्रदूषण पर नियंत्रण पा सकते हैं।”
लायंस क्लब कुचामन फोर्ट के राम काबरा ने डंपिंगयार्ड की अनुपस्थिति पर चिंता जताते हुए कहा, “डंपयार्ड की सही व्यवस्था नहीं होने के कारण प्लास्टिक कचरा उड़कर खेल मैदानों, नमक व्यापारियों की क्यारियों और गोवंश के पेट में पहुंच रहा है, जिससे वे बीमार हो रहे हैं।”

सक्रिय सहभागिता और समापन:
इस कार्यक्रम में तुलसीराम कुमावत, अर्जुन पोषक, लायंस क्लब कुचामन फोर्ट के संस्थापक अध्यक्ष राम काबरा, अध्यापक चेना राम कुमावत, नेता राम और स्थानीय मॉर्निंग जॉगर्स ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। कार्यक्रम का समापन डंपयार्ड में घूमते आवारा गोवंश को चारा डालकर किया गया, जिससे सेवा और संवेदना का संदेश भी समाज को मिला।
डॉक्टर प्रदीप चौधरी ने कहा की प्लॉगिंग जैसी गतिविधियां हमें यह याद दिलाती हैं कि स्वच्छता केवल सरकारी जिम्मेदारी नहीं, बल्कि हर नागरिक की नैतिक जिम्मेदारी है। यदि हर व्यक्ति एक छोटा सा कदम उठाए, तो भारत को प्लास्टिक मुक्त बनाना कोई असंभव सपना नहीं।