वयोवृद्ध किसान नेता किसान केसरी कॉमरेड बेगाराम चौधरी नहीं रहे, माकपा ध्वज में दी अंतिम विदाई

अखिल भारतीय किसान सभा के वरिष्ठ किसान नेता व ‘किसान केशरी’ के नाम से प्रसिद्ध कामरेड बेगाराम चौधरी का रविवार को 95 वर्ष की आयु में निधन हो गया।


उनका जन्म ग्राम पंचायत चितावा में हुआ था और यहीं पर उन्होंने अंतिम सांस ली। क्षेत्र में वे किसानों की आवाज़ और संघर्ष का प्रतीक माने जाते थे।

कॉमरेड बेगाराम चौधरी ने अपने जीवन की शुरुआत एक शिक्षक के रूप में की थी, लेकिन राजकीय सेवा से सेवानिवृत्त होने के बाद उन्होंने किसानों की समस्याओं को ही अपने जीवन का उद्देश्य बना लिया। उन्होंने हर मोर्चे पर किसानों की आवाज़ को बुलंद किया और आंदोलनों के माध्यम से प्रशासन तक उनकी मांगें पहुँचाईं।

उनके निधन की खबर फैलते ही पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई। सुबह से ही अंतिम दर्शन के लिए उनके निवास पर लोगों का तांता लगा रहा। दोपहर 2 बजे पूरे सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया, जिसमें मुखाग्नि उनके पुत्रों ने दी।

अंतिम विदाई के समय मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के ध्वज में लपेट कर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। इस मौके पर अखिल भारतीय किसान सभा के अध्यक्ष रेखाराम बडकेशिया, मोतीलाल शर्मा, कामरेड अब्बास खान, खींवकरण डबरिया, हरदेवाराम अणदा, गोरधनराम अणदा, हेमाराम आर्य, मदनलाल अणदा, महेश पारीक, भंवरलाल बुरडक, रामसिंह जूसरी सहित अनेक किसान नेता, माकपा कार्यकर्ता और ग्रामीणजन मौजूद रहे।

कॉमरेड अब्बास खान ने इस अवसर पर किसान केसरी कॉमरेड बेगाराम को अपनी पूरी जिंदगी किसानों के लिए संघर्ष करने वाली शख्सियत बताया और कहा कि उनका जीवन और संघर्ष आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा स्रोत रहेगा।

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