ग्रामीणों का विरोध: पंचायत परिसीमन को लेकर कलेक्टर के नाम एडीएम को सौंपा ज्ञापन

कुचामन सिटी पंचायत समिति क्षेत्र के ग्राम त्रिसिंगियां, हनुमानपुरा, सरगोठ और जोरपूरा नगर के ग्रामीणों ने मंगलवार को एकजुट होकर डीडवाना-कुचामन जिला कलक्टर के कार्यालय में अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा। सैकड़ों ग्रामीणों ने जिला मुख्यालय पर पहुंचकर पंचायत पुनर्गठन एवं परिसीमन को लेकर विरोध जताया और अपनी मांगों को एडीएम महेंद्र मीणा के माध्यम से कलक्टर को सौंपा।

ग्राम पंचायत सरगोठ-पदमपुरा का परिसीमन विवाद

ग्राम पंचायत सरगोठ-पदमपुरा को लेकर ग्रामीणों में असंतोष है। समाजसेवी सुरेश गुर्जर त्रिसिंगिया ने बताया कि यदि ग्राम पंचायत सरगोठ को मुख्यालय बनाया जाता है या हनुमानपुरा-त्रिसिंगियां को पंचायत मुख्यालय घोषित किया जाता है, तो ग्रामीणों को कोई आपत्ति नहीं होगी। लेकिन यदि इन गांवों को पदमपुरा पंचायत मुख्यालय में शामिल किया गया, तो ग्रामीण इसका विरोध करेंगे और बहिष्कार करने को मजबूर होंगे।

ग्रामीणों की प्रमुख मांगें

ज्ञापन में उल्लेख किया गया कि वर्तमान परिसीमन में ग्राम पंचायत सरगोठ-पदमपुरा के अधीन छह राजस्व ग्राम हैं, जिनमें सरगोठ, पदमपुरा, मांगलोदी, ठठाना, त्रिसिंगिया और हनुमानपुरा शामिल हैं। वर्तमान में ग्राम पंचायत मुख्यालय पदमपुरा में स्थित है, लेकिन इसकी भौगोलिक स्थिति के कारण त्रिसिंगिया और हनुमानपुरा जैसे गांवों के लोगों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

गौरतलब है कि पदमपुरा से त्रिसिंगिया की दूरी 8 किलोमीटर, हनुमानपुरा की 6 किलोमीटर और जोरपूरा नगर की दूरी 9 किलोमीटर है। इतनी अधिक दूरी होने के कारण ग्रामीणों को सरकारी योजनाओं एवं सुविधाओं से वंचित रहना पड़ रहा है। इसके अतिरिक्त, परिवहन की असुविधा के चलते ग्रामवासियों को आवागमन में भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।

जनसंख्या के आधार पर पंचायत पुनर्गठन की मांग

2011 की जनगणना के अनुसार सरगोठ को गैर-आबाद घोषित किया गया था, जो कि ग्रामीणों के अनुसार गलत है। वर्तमान में सरगोठ में वास्तविक रूप से लोग निवास करते हैं, जो छोटी-छोटी ढाणियों में बसे हुए हैं। इस गांव की कुल जनसंख्या 1093 है। इसी प्रकार, त्रिसिंगिया की जनसंख्या 607, जोरपूरा नगर की 494 एवं हनुमानपुरा की 660 है। ये गांव जनसंख्या की दृष्टि से नई पंचायत के गठन के लिए उपयुक्त हैं।

ग्रामीणों की चेतावनी

यदि इन चार गांवों को जबरन पदमपुरा पंचायत मुख्यालय में सम्मिलित किया जाता है, तो ग्रामीण इसका पुरजोर विरोध करेंगे और आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की कि सरगोठ को अलग पंचायत मुख्यालय घोषित किया जाए या फिर हनुमानपुरा-त्रिसिंगिया को नया पंचायत मुख्यालय बनाया जाए।

प्रशासन से न्याय की अपेक्षा

ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन को जनसंख्या, भौगोलिक स्थिति एवं सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए पुनर्गठन करना चाहिए ताकि ग्रामीणों को किसी प्रकार की असुविधा न हो। अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस ज्ञापन पर क्या निर्णय लेता है और ग्रामीणों की समस्याओं का समाधान किस प्रकार किया जाता है।

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