कुचामन सिटी के पुरानी धान मंडी स्थित श्रीचारभुजा मंदिर परिसर रविवार को भक्ति और श्रद्धा का अनुपम केंद्र बन गया। रसोत्सव मंडली के तत्वाधान में आयोजित श्रीराधा नाम संकीर्तन में सैकड़ों श्रद्धालु भक्ति रस में सराबोर हो गए।

कार्यक्रम में भजन गायक मुकेश राजपुरोहित ने अपने मधुर स्वरों से ऐसा भक्तिमय वातावरण बनाया कि हर कोई ‘राधे-राधे’ की धुन में झूम उठा। पंडित कन्हैया लाल शास्त्री ने संकीर्तन की महिमा का वर्णन करते हुए बताया कि नाम संकीर्तन से मन को शांति और आत्मा को आध्यात्मिक सुख की प्राप्ति होती है।

मंदिर प्रांगण में बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक ने बड़े उत्साह के साथ भजनों का आनंद लिया। महिलाएं मंगलगीतों पर थिरकती नजर आईं, वहीं युवाओं ने सामूहिक स्वर में ‘राधा-कृष्ण’ का नाम गाते हुए वातावरण को और अधिक आध्यात्मिक बना दिया।

इस अवसर पर सजी श्रीराधा-कृष्ण की झांकी कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण रही। रंग-बिरंगी रोशनी और फूलों से सजी झांकी ने ऐसा आभास कराया मानो स्वयं राधा-कृष्ण धरा पर अवतरित होकर भक्तों को दर्शन दे रहे हों। श्रद्धालु झांकी के सामने भक्ति भाव से नतमस्तक होते रहे और ‘राधे-राधे’ का जयघोष पूरे परिसर में गूंजता रहा।

भजन संध्या देर शाम तक चली और श्रद्धालुओं ने संकीर्तन का आनंद लेते हुए इसे अपने जीवन का अविस्मरणीय आध्यात्मिक अनुभव बताया।