कुचामन से डीडवाना तक गूंजा देशभक्ति का ज्वार, धार्मिक स्थलों और संस्थानों में भी मनाया गया 79वां स्वतंत्रता दिवस

देशभर में आज 79वां स्वतंत्रता दिवस हर्षोल्लास और देशभक्ति के जोश के साथ मनाया गया। तिरंगे के रंग में सजे हर कोने में आजादी के 78 साल पूरे होने की खुशी देखते ही बन रही थी। इसी क्रम में डीडवाना – कुचामन जिले में कुचामन सिटी और डीडवाना के प्रमुख धार्मिक स्थलों और संस्थानों में भी विशेष कार्यक्रम आयोजित हुए, जिनमें देशभक्ति और वतनपरस्ती के संदेश गूंजते रहे।

कुचामन सिटी स्थित जमीअतुल मदीना फैज़ान-ए-रज़ा इदारे में “यौम-ए-आजादी मनाया गया। समाजसेवी सैयद नईंमुद्दीन (बाबू काजी) ने मुख्य अतिथि के रूप में ध्वजारोहण कर उपस्थित लोगों को संबोधित किया। उन्होंने विद्यार्थियों को आजादी के संघर्ष, शहीदों के बलिदान और हमारे कर्तव्यों के बारे में प्रेरणादायक बातें बताते हुए कहा कि “आज़ादी हमें आसानी से नहीं मिली, इसे पाने के लिए अनगिनत लोगों ने अपनी जान न्यौछावर की, हमें इस आजादी की हिफाजत करनी होगी।”

संस्था के प्रिंसिपल अबू वक़्क़ास अत्तारी ने अपने संबोधन में इस्लाम धर्म में वतनपरस्ती के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि “धर्म और देशप्रेम एक-दूसरे के पूरक हैं, सच्चा मुसलमान हमेशा अपने मुल्क की तरक्की और अमन के लिए प्रयासरत रहता है।”
इस मौके पर स्टाफ सदस्य मुफ्ती इश्तियाक मदनी, सलीम मदनी, मुहम्मद चिराग, मुहम्मद यूसुफ सहित स्थानीय निवासी और इदारे के छात्र मौजूद रहे।

वहीं डीडवाना के सिद्धधाम श्री शीतल कुंड बालाजी में भी धूमधाम से ध्वजारोहण कर स्वतंत्रता दिवस मनाया गया। समारोह में नागोरिया पीठाधीश स्वामी श्री विष्णुप्रपन्नाचार्यजी महाराज, वृंदावन से पधारे कथा वाचक व मोटिवेशनल स्पीकर स्वामी श्री इंद्रेश जी महाराज, गनेड़ी से स्वामी श्री रामप्रपन्नाचार्य जी महाराज, गया से स्वामी श्री वैंकटेशप्रपन्नाचार्यजी, पलसाना से मनोहरशरणदास जी महाराज, हरिद्वार से स्वामी श्री दिव्यांशु जी वैदांती, प्रेमाश्रम डीडवाना से स्वामी श्री भागवताचार्य जी और डॉ. मनीष ओझा सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।

ध्वजारोहण के बाद विभिन्न धर्माचार्यों ने देशवासियों द्वारा स्वतंत्रता की प्राप्ति के लिए किए गए त्याग और संघर्ष का उल्लेख करते हुए लोगों से देशप्रेम को सर्वोच्च स्थान देने का आह्वान किया। स्वामी श्री विष्णुप्रपन्नाचार्यजी महाराज ने कहा—“स्वतंत्रता केवल एक दिन का पर्व नहीं, बल्कि यह हर क्षण हमें अपने कर्तव्यों की याद दिलाती है।”
स्वामी श्री इंद्रेश जी महाराज ने युवाओं को प्रेरित करते हुए कहा—“आज का युवा अगर राष्ट्रनिर्माण में सक्रिय हो जाए, तो भारत दुनिया में अग्रणी बन सकता है।”
वहीं स्वामी श्री रामप्रपन्नाचार्य जी महाराज ने कहा कि“देशप्रेम और सेवा ही सच्ची भक्ति है।”

इन दोनों स्थलों पर आयोजित कार्यक्रमों में राष्ट्रध्वज को सलामी और प्रेरणादायक संदेशों ने स्वतंत्रता दिवस के उत्सव को अविस्मरणीय बना दिया।

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