पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक को दी भावभीनी श्रद्धांजलि
पूर्व उपमुख्य सचेतक महेंद्र चौधरी बोले – किसान हित में उनका योगदान इतिहास में रहेगा अमर
किसान सर्किल पर आयोजित हुआ श्रद्धांजलि कार्यक्रम

कुचामन सिटी के डीडवाना रोड़ स्थित किसान सर्किल पर आज पूर्व राज्यपाल स्वर्गीय सत्यपाल मलिक को श्रद्धांजलि देने के लिए एक कार्यक्रम आयोजित किया गया।
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में किसान, सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि, जनप्रतिनिधि और स्थानीय लोग मौजूद रहे।
सभी ने स्व. मलिक के चित्र पर श्रद्धा-सुमन अर्पित किए और 2 मिनट का मौन रखकर दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की।

महेंद्र चौधरी का भावुक संबोधन
श्रद्धांजलि सभा में पूर्व कांग्रेस सरकार में उपमुख्य सचेतक रहे महेंद्र चौधरी ने कहा कि सत्यपाल मलिक केवल एक राजनेता नहीं, बल्कि किसानों के सच्चे मसीहा थे।
उन्होंने कहा कि “राज्यपाल जैसे संवैधानिक पद पर रहते हुए भी उन्होंने किसानों के हक की आवाज को बुलंद किया। यह बहुत कम लोग कर पाते हैं। उन्होंने पद, सत्ता या किसी प्रकार के लालच के आगे कभी सिर नहीं झुकाया। उनका साहस, बेबाकी और किसानों के प्रति निष्ठा अद्वितीय थी। स्व. मलिक अपने अंतिम दिनों तक किसानों के संघर्ष में साथ खड़े रहे। “आज जब हम उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं, तो यह सोचकर पीड़ा होती है कि जिस योगदान और साहस के लिए उन्हें सम्मान मिलना चाहिए था, वह उन्हें सरकार से नहीं मिला। यह केवल किसान समाज ही नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए दुखद है। लेकिन सच्चाई यह है कि सम्मान का मूल्य पदक या पुरस्कार से नहीं, बल्कि जनता के दिलों से तय होता है और सत्यपाल मलिक के लिए किसानों के दिलों में जो जगह है, वह उन्हें अमर बना देती है।”

वक्ताओं ने किया स्व मालिक के योगदान का स्मरण
सभा में वक्ताओं ने सत्यपाल मलिक को ईमानदार, देशभक्त और सर्वमान्य नेता बताया। विश्व जाट महासभा के प्रदेश उपाध्यक्ष परसाराम बुगालिया, पार्षद सुभाष पावड़िया, कमलकांत डोडवाड़िया, फौजी मुन्ना राम माहला, सुतेन्द्र सारस्वत, जाट महासभा अध्यक्ष पुसाराम थोरी सहित अनेक वक्ताओं ने अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि मलिक ने विधायक, सांसद, केंद्रीय मंत्री और राज्यपाल के रूप में हमेशा जनहित को प्राथमिकता दी और सिद्धांतों से कभी समझौता नहीं किया। उनकी स्पष्टवादिता और बेबाक अंदाज उन्हें बाकी नेताओं से अलग पहचान देता था।

“कई सदियों में जन्म लेते हैं ऐसे महापुरुष”
वक्ताओं ने कहा कि कई सदियों में ही मलिक जैसे महापुरुष जन्म लेते हैं। “किसानों के लिए उनका योगदान कभी भुलाया नहीं जा सकता। वह हमेशा प्रेरणास्रोत रहेंगे, और उनके दिखाए रास्ते पर चलना ही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।”

कई गणमान्य और ग्रामीण रहे मौजूद
श्रद्धांजलि सभा में पूर्व उप सभापति हेमराज चावला, पूर्व सरपंच भागीरथ गावड़िया, हरदेव सिंह पावड़िया, रामेश्वर पावड़िया फौजी, जैसा राम रणवा, नरेश रणवा, प्रवीण मावलिया, मुकेश झांझड़ा, ईश्वर साहू, अमरा राम धायल, बुधा राम किरडोलिया, मदन जड़वटा, भाजपा नेता ज्ञाना राम रणवा, बिरदाराम साहू, ज्ञानराम कांटि, कुंदन राम गावड़िया, मदन कुल्डिया, रणजीत पोषक, धन्ना राम मील, एडवोकेट दराब खान, हिंदू युवा वाहिनी के प्रदेश अध्यक्ष मदन लाल कुल्डिया सहित कई सामाजिक कार्यकर्ता और बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे।