तिरंगे की शान में रंगा कुचामन, विश्व कप खेलकर लौटी बेटियों निशा-चिंकी का हुआ भव्य स्वागत

कुचामन आज खेल गर्व और तिरंगे के रंग में रंगा दिखा, जब चॉक बॉल वर्ल्ड कप में भारत का परचम लहराकर लौटीं शहर की बेटियां निशा कुमावत और चिंकी गुर्जर का तिरंगा रैली के साथ भव्य स्वागत किया गया। इंडोनेशिया में आयोजित तृतीय चॉक बॉल विश्व कप में दमदार प्रदर्शन कर लौटीं इन दोनों खिलाड़ियों के सम्मान में कुमावत भवन में भव्य कार्यक्रम आयोजित किया गया, जहां कुमावत विकास समिति, देवनारायण विकास समिति, शिव मंदिर समस्त कुम्हारान पंचायत ट्रस्ट और स्थानीय खेल प्रेमियों ने मिलकर दोनों बेटियों का ऐतिहासिक स्वागत किया।

पूर्व उप मुख्य सचेतक महेंद्र चौधरी ने भी कार्यक्रम में शामिल होकर निशा कुमावत और चिंकी गुर्जर का अभिनंदन किया। उन्होंने कहा, “निशा और चिंकी ने यह साबित किया है कि गांव-शहर की सीमाएं नहीं, बल्कि मेहनत और जुनून ही सपनों को उड़ान देता है। आज कुचामन गर्व से सिर ऊंचा किए खड़ा है और मैं चाहता हूं कि ये दोनों बेटियां आने वाले समय में स्वर्ण पदक जीतकर देश और प्रदेश का मान बढ़ाएं।”

इसके बाद तिरंगा रैली का आगाज स्टेशन रोड स्थित कुमावत भवन से हुआ, जो ढोल-नगाड़ों, देशभक्ति के गीतों और तिरंगे की लहराती छटा के बीच उनके घरों तक पहुंची। हर मोड़ पर लोग फूल बरसाकर और जयघोष कर इन बेटियों का स्वागत करते दिखे।

शिव मंदिर समस्त कुम्हारान पंचायत ट्रस्ट के अध्यक्ष राजकुमार फौजी ने कहा, “विदेश में तिरंगा लहराना कोई साधारण बात नहीं, यह पूरे देश का गौरव है। हम इन बेटियों की उपलब्धियों पर गर्व करते हैं और चाहते हैं कि हमारे शहर की और भी बेटियां उनके नक्शे-कदम पर चलें।”

इस मौके पर राजस्थान राज्य चौकबॉल एसोसिएशन के सचिव अनिल मोट ने कहा, “निशा और चिंकी जैसी प्रतिभाएं देश का गौरव हैं। हम चाहते हैं कि आने वाले समय में ये अंतरराष्ट्रीय मंच पर और भी बड़ी जीतें हासिल करें और कुचामन का नाम दुनिया भर में चमकाएं।”

विश्व कप से लौटकर भावुक और उत्साहित निशा कुमावत ने कहा, “अंतरराष्ट्रीय मंच पर खेलना जीवन का सबसे बड़ा अनुभव था। वहां हमने सीखा कि अनुशासन, फिटनेस और टीम वर्क ही जीत की असली कुंजी हैं। इस बार हमने अंतिम चार में जगह बनाई, अब हमारा लक्ष्य अगली चैंपियनशिप में भारत को स्वर्ण पदक दिलाना है।”

वहीं चिंकी गुर्जर ने अपने सपनों को साझा करते हुए कहा, “विदेश में तिरंगा लहराना अविस्मरणीय पल था। आगे हम ज्यादा मेहनत कर देश के लिए और बड़ी उपलब्धियां लाना चाहती हैं।”

यंगेस्ट नॉलेज पावर स्कूल के संचालक पवन कुमावत ने रैली के बारे में बताया कि यह सिर्फ स्वागत नहीं, बल्कि पूरे शहर का बेटियों पर गर्व जताने का अवसर है। उन्होंने कहा, “हम चाहते हैं कि इस रैली से और बच्चे प्रेरित हों और खेल के क्षेत्र में आगे बढ़ें।”

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