कुचामन से पहली बार काकोट पहुंचेगी वीर शिरोमणि करमाबाई की शोभायात्रा, 10 अगस्त को हजारों श्रद्धालु होंगे शामिल



कुचामनसिटी से काकोट स्थित वीर शिरोमणि करमाबाई मंदिर तक इस वर्ष पहली बार विशाल शोभायात्रा का आयोजन किया जा रहा है। 10 अगस्त को प्रस्तावित इस ऐतिहासिक यात्रा में हजारों की संख्या में श्रद्धालु जीप, कार, मोटरसाइकिल जैसे वाहनों के साथ ध्वज सजाकर रवाना होंगे और काकोट पहुंचकर वीर शिरोमणि करमाबाई के दर्शन करेंगे।

गुरुवार को मेगा हाईवे बाईपास पर स्थित होटल न्यू शारदा पैलेस में कर्मा बाई समिति की बैठक समिति अध्यक्ष डॉ. गोविंदराम चौधरी की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। बैठक में सर्वसमाज के गणमान्य नागरिकों व आयोजकों ने यात्रा की तैयारियों को अंतिम रूप दिया और व्यवस्थाओं को लेकर विस्तार से चर्चा की गई।

शोभायात्रा का मार्ग और कार्यक्रम:
10 अगस्त को सुबह 8:15 बजे यात्रा होटल शारदा पैलेस से शुरू होकर बस स्टैंड, चुंगी नाका, तहसील कार्यालय, तेजा सर्किल, सुजानपुरा प्याऊ और शिवदानपुरा होते हुए काकोट स्थित करमाबाई मंदिर पहुंचेगी। मंदिर परिसर में भक्त ध्वज अर्पित करेंगे और करमाबाई के दर्शन कर पुण्य लाभ अर्जित करेंगे।

धार्मिक आयोजन भी होंगे आकर्षण का केंद्र:
शोभायात्रा के बाद रविवार रात्रि को मंदिर परिसर में भजन संध्या का आयोजन किया जाएगा, जिसमें स्थानीय कलाकारों के साथ-साथ भक्ति गायकों द्वारा श्रीकृष्ण और करमाबाई के भजनों की प्रस्तुति दी जाएगी। अगले दिन सोमवार को भंडारे का आयोजन होगा, जिसमें पंगत प्रसादी वितरण किया जाएगा।

आयोजन की व्यवस्थाओं में जुटा सर्वसमाज:
बैठक में शोभायात्रा को सफल बनाने के लिए सर्वसमाज को अलग-अलग जिम्मेदारियां सौंपी गईं। मुख्य उद्देश्य यात्रियों को सुरक्षित, व्यवस्थित और सुखद अनुभव दिलाना है। इस आयोजन में सेवा भावना और समर्पण के साथ कार्य करने के लिए समाज के प्रतिनिधियों ने अपनी भूमिका सुनिश्चित की।

उपस्थित प्रमुख लोग:
इस बैठक में डॉ. गोविंदराम चौधरी, प्रभुराम बुगालिया, मोहनराम किरडोलिया, अमराराम सोऊ, भोमाराम निठारवाल, अर्जुनराम जड़ावटा, गोविंदराम शेषमा, धनाराम मील, रणजीत पोषक, बजरंग शेषमा, दानाराम राठी, एडवोकेट रमेश चौधरी, बृजमोहन रुलानिया, दिनेश कड़वा, सुभाष पावड़िया, बिरदाराम चौधरी, परसाराम बुगालिया, सोहन सुंदरियां, गोगराज बुल्डक, धर्मेन्द्र मुहाल, भागूराम डोडवाडिया, रामनिवास कांटवा सहित कई गणमान्य नागरिक मौजूद रहे।

सद्भाव, श्रद्धा और सेवा का संगम होगा यह आयोजन
यह शोभायात्रा न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक बनेगी, बल्कि समाज में समरसता, एकता और सेवा भाव को भी मजबूती प्रदान करेगी। करमाबाई के जीवन मूल्यों और श्रीकृष्ण भक्ति की प्रेरणा से यह यात्रा आने वाले वर्षों के लिए एक नई परंपरा की शुरुआत मानी जा रही है।

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