डीडवाना के राजकीय बांगड़ अस्पताल में विश्व स्तनपान सप्ताह पर जागरूकता कार्यक्रम, माताओं को दी गई महत्त्वपूर्ण जानकारी

राजकीय बांगड़ जिला चिकित्सालय, डीडवाना के एसएनसीयू/एलएमयू वार्ड में सोमवार को विश्व स्तनपान सप्ताह के तहत एक विशेष जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस आयोजन का उद्देश्य नवजात शिशुओं के स्वास्थ्य संरक्षण में स्तनपान के महत्व को उजागर करना और माताओं को इससे जुड़ी जानकारी देना रहा।

कार्यक्रम की शुरुआत मां सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलन से की गई। इसके बाद वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. सी. पी. नागौरा ने उपस्थित प्रसूताओं, महिलाओं और चिकित्साकर्मियों को संबोधित करते हुए स्तनपान से होने वाले लाभों की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि शिशु के जन्म के तुरंत बाद और पहले छह माह तक केवल मां का दूध ही सर्वोत्तम आहार होता है।

डॉ. नागौरा ने बताया कि मां का दूध शिशु को उल्टी-दस्त, निमोनिया जैसी गंभीर बीमारियों से बचाने में मदद करता है। साथ ही इससे डायबिटीज, एलर्जी, दांतों के रोग जैसी दीर्घकालिक बीमारियों की आशंका भी कम होती है। मां के दूध से बच्चे के मस्तिष्क का विकास भी बेहतर होता है। उन्होंने यह भी बताया कि स्तनपान कराने से माताओं को भी कई फायदे होते हैं – जैसे अत्यधिक रक्तस्राव में कमी, स्तन कैंसर और मोटापे की आशंका में भी गिरावट आती है।

कार्यक्रम के दौरान बोतल से दूध पिलाने से होने वाले नुकसानों पर भी चर्चा की गई। माताओं को शिशु को सही तरीके से स्तनपान कराने की विधि बताई गई और इस दौरान आने वाली सामान्य कठिनाइयों के समाधान के उपाय भी समझाए गए।

चिकित्सालय में संचालित एलएमयू (Lactation Management Unit) की जानकारी देते हुए बताया गया कि यहां प्रशिक्षित महिला नर्सिंग अधिकारी नियुक्त हैं जो स्तनपान से जुड़ी समस्याओं का परामर्श और उपचार प्रदान करती हैं।

कार्यक्रम में उपस्थित प्रतिभागियों और चिकित्सकों के बीच संवादात्मक परिचर्चा भी हुई, जिसमें माताओं ने अपने अनुभव साझा किए और विशेषज्ञों से प्रश्न पूछे।

इस अवसर पर प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ. अजीत सिंह शेखावत, डॉ. महेन्द्र सिंह गढ़वाल, डॉ. सुरेश नेतड़, डॉ. के. आर. चौधरी, डॉ. मोहिनी ढाका, तकनीकी अधिकारी अमरीश माथुर, एसएनसीयू वार्ड प्रभारी रामेश्वरी देवी, इम्यूनाइजेशन प्रभारी महेन्द्रा कुमारी सहित बड़ी संख्या में चिकित्साकर्मी, प्रसूताएं और उनके परिजन मौजूद रहे।

कार्यक्रम ने माताओं में स्तनपान के प्रति जागरूकता बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई और संस्थान द्वारा इस प्रकार की पहल को सराहना मिली।

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