इस्लाम धर्म की पवित्र उमराह यात्रा को अदा कर वतन लौटे नायब शहर काजी मोहम्मद सादिक उस्मानी और उनकी वालिदा मुजम्मिल बानो का रविवार को शहर में गर्मजोशी से इस्तकबाल किया गया। डीडवाना रेलवे स्टेशन पर पहुंचते ही मोहब्बत और अकीदत से लबरेज सैकड़ों लोग उनके स्वागत को उमड़ पड़े। इसके बाद एक जुलूस के रूप में उनका काफिला मोहल्ला काजियान पहुंचा, जहां समाजजन और उलेमा-ए-कराम ने उनका भव्य स्वागत किया।

इस मौके पर शहरकाजी रेहान उस्मानी, जामा मस्जिद के इमाम मौलाना अब्दुर्रशीद, सैयदान मस्जिद के इमाम मौलाना वसीमुद्दीन, मौलाना आलमगीर, आदिल उस्मानी, वरिष्ठ पत्रकार इस्तेखार उस्मानी, मनवर उस्मानी, वरिष्ठ पत्रकार शकील अहमद उस्मानी, शाहिद सिद्दीकी, जावेद सिद्दीकी, गय्यूर सिद्दीकी, फरहत अली, सैयद जिया अली,पत्रकार ज़हीर अब्बास उस्मानी ,अनीक उस्मानी, रशीक उस्मानी सहित समाज के कई गणमान्य व्यक्तियों ने गुलदस्ते, मालाएं और गले मिलकर उनका स्वागत किया। सभी ने उमराह की मुबारकबाद देते हुए दुआएं पेश कीं।
खाना-ए-काबा और रौज़ा-ए-मुबारक की जियारत कर लौटे उस्मानी
नायब शहरकाजी मोहम्मद सादिक उस्मानी ने इस सफर में मक्का शरीफ में खान-ए-काबा और मदीना शरीफ में पैगंबर-ए-इस्लाम हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के रौज़ा-ए-अक़्दस की जियारत की। यह मुकद्दस सफर हर मुसलमान की दिली तमन्ना होती है और उस्मानी को यह सौभाग्य उनकी माताजी के साथ नसीब हुआ।

खुसूसी दुआ और अल्लाह से कबूलियत की फरियाद
स्वागत के दौरान हाफिज सैयद लियाकत अली ने खुसूसी दुआ करवाते हुए कहा कि उमराह करना हर मोमिन का ख्वाब होता है। अल्लाह से दुआ है कि उस्मानी का उमराह मुकबूल फरमाए और वह तमाम उम्मत की भलाई के लिए अपनी दुआओं में असर पैदा करें। उन्होंने यह भी कहा कि यह सफर नेकनीयती और रूहानी सकून से भरपूर होता है, जिसे अल्लाह पाक हर मुसलमान को अता फरमाए।
धार्मिक सौहार्द और भाईचारे का नज़ारा
इस आयोजन में समाज के सभी तबकों ने जिस तरह एकजुट होकर स्वागत किया, वह डीडवाना में धार्मिक सौहार्द और भाईचारे की मिसाल पेश करता है। कार्यक्रम के दौरान मोहल्ला काजियान में रूहानियत का माहौल बना रहा और “उमराह मुबारक” की सदाएं गूंजती रहीं।
