तीन दशक की बेदाग सरकारी सेवा के बाद, अब जनसेवा और गौसेवा को समर्पित होंगे डॉ. गोविंदराम चौधरी,शिष्यों ने दी ऐतिहासिक विदाई

तीन दशक से भी अधिक समय तक पशुपालन विभाग में सेवा देने के बाद क्षेत्र की जाने मानी शख्सियत डॉ. गोविंदराम चौधरी 31 जुलाई 2025 को डिप्टी डायरेक्टर के पद से सेवानिवृत्त हो गए। सेवानिवृत्ति के बाद रविवार को उनका सम्मान करने के लिए उनके शिष्यों—जो अब स्वयं विभाग में पशुधन प्रसार अधिकारी व पशुधन निरीक्षक सहित विभिन्न पदों पर कार्यरत हैं—ने कुचामन के रुद्राक्ष रिजॉर्ट  में भव्य विदाई समारोह आयोजित किया।

गौशाला में सेवा से शुरू हुआ सम्मान का दिन

सम्मान समारोह से पहले डॉ. गोविंदराम चौधरी ने रविवार सुबह कुचामन गौशाला में “एक पेड़ मां के नाम” अभियान के तहत पौधरोपण किया। इस दौरान विभिन्न पशुधन प्रसार अधिकारी व पशुधन निरीक्षक मौजूद रहे । 

 इसके पश्चात उन्होंने लगभग दो घंटे तक गौसेवा कर अपने भावी जीवन की दिशा स्पष्ट कर दी। इस अवसर पर उन्होंने अपने साथ आए विद्यार्थियों को भी गौसेवा को अपने नित्यकर्म में शामिल करने की प्रेरणा दीऔ रखा की “गौसेवा केवल परंपरा नहीं, यह हमारे जीवन की आत्मा है,” । 

भाव-सम्मान में डूबा समारोह, गुरु के शिष्यों ने धोए चरण

रुद्राक्ष रिजॉर्ट में आयोजित कार्यक्रम में एक अद्भुत दृश्य देखने को मिला जब डॉ. चौधरी के शिष्यों ने उनके चरण धोकर उन्हें भाव-सम्मान अर्पित किया।

कई पूर्व विद्यार्थी भावुक होकर अपने गुरु को “अभिभावक समान” बताते हुए नम आंखों से उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते नजर आए। यह क्षण गुरु-शिष्य परंपरा का जीवंत उदाहरण बन गया।

जीवनसाथी संग विवाह की स्मृतियाँ ताजी कीं

कार्यक्रम के दौरान एक और हृदयस्पर्शी क्षण तब आया जब डॉक्टर गोविंदराम चौधरी और उनकी पत्नी रामेश्वरी देवी ने एक-दूसरे को माला पहनाकर अपने विवाह की यादों को ताजा किया।

यह क्षण जीवन की स्थिरता, प्रेम और परस्पर सम्मान का प्रतीक बन गया।

विभागीय साथियों ने किया अभिनंदन

समारोह में उनके विद्यार्थी और वर्तमान में पशुपालन विभाग से जुड़े अनेक पशुधन प्रसार अधिकारी व पशुधन निरीक्षक उपस्थित रहे। सभी ने डॉक्टर चौधरी का माला और साफा पहनाकर अभिनंदन किया और उन्हें प्रेरणास्रोत बताते हुए उनके योगदान की सराहना की।

अब समर्पित होंगे गौसेवा और जनसेवा को

डॉ. चौधरी ने समारोह के दौरान कहा कि सेवा जीवन का स्वभाव बन चुकी है और अब वह इसे एक नए रूप में जारी रखेंगे। उन्होंने कहा कि “अब मेरा जीवन गौसेवा और जनसेवा को समर्पित रहेगा। मैं प्रतिदिन 2 से 3 घंटे गौसेवा में बिताऊंगा और समाज के लिए सक्रिय रहूंगा।”। 

राजनीति में आने के संकेत

इस मौके पर जब उनसे राजनीति में आने की संभावनाओं को लेकर सवाल किया गया, तो डॉक्टर चौधरी ने स्पष्ट कहा कि अगर अवसर मिलता है, तो वे सक्रिय राजनीति में प्रवेश कर समाज के वंचित, पीड़ित और जरूरतमंद वर्गों की सेवा करेंगे। उन्होंने कहा कि “राजनीति मेरे लिए कोई लक्ष्य नहीं, बल्कि —दुखी और उपेक्षित जनों की समस्याएं सुनने और सुलझाने का माध्यम है । “

एक प्रेरणादायी अध्याय का समापन, नई शुरुआत के साथ

डॉ. गोविंदराम चौधरी की विदाई केवल एक सेवा-समापन नहीं बल्कि सेवा के नए अध्याय की शुरुआत है। उन्होंने जो प्रेरणा अपने कार्य, जीवन और व्यवहार से दी है, वह लंबे समय तक विभाग और समाज में जीवित रहेगीडॉ. गोविंदराम चौधरी की कार्यशैली, उनके प्रशासनिक अनुभव और मानवीय संवेदनशीलता ने उन्हें विभाग में एक आदर्श अधिकारी के रूप में स्थापित किया। उनके विद्यार्थी, सहयोगी और समाज के अनेक वर्ग उनके सामाजिक योगदान को लंबे समय तक याद रखेंगे।

यह आयोजन केवल एक सम्मान समारोह नहीं था, बल्कि यह उस परंपरा और मूल्य की पुनःस्थापना थी, जहाँ गुरु केवल ज्ञान नहीं, संस्कार और जीवन दृष्टि भी देते हैं। डॉक्टर गोविंदराम चौधरी की विदाई समारोह ने यह सिद्ध कर दिया कि सेवा का अंत नहीं होता—वह केवल रूप बदलती है।

error: News 1 Rajasthan