कुचामन सिटी में समाजसेवा और इंसानियत की एक शानदार मिसाल सामने आई है। भामाशाह नूर मोहम्मद पुत्र इकबाल राव ने छीपा वेलफेयर सोसायटी की प्रेरणा से कुचामन रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म पर यात्रियों की सुविधा के लिए बैठने में आरामदायक बेचें लगवाकर एक सराहनीय कार्य किया है। इस नेक पहल का उद्देश्य यात्रियों को बैठने की बेहतर सुविधा देना है, खासकर बुजुर्गों, महिलाओं और बच्चों को यात्रा के दौरान राहत पहुंचाना।

इस अवसर पर छीपा वेलफेयर सोसायटी के सदर मोहम्मद इकबाल भाटी ने नूर मोहम्मद की सराहना करते हुए कहा, “नूर मोहम्मद साहब हमेशा समाजसेवा में आगे रहे हैं। उन्होंने एक बार फिर साबित किया है कि इंसानियत आज भी ज़िंदा है। उनका यह कार्य केवल स्टेशन पर बेंच लगाने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह समाज को बेहतर बनाने की सोच का हिस्सा है। हम उनके इस कदम को सलाम करते हैं और उम्मीद करते हैं कि समाज के अन्य लोग भी इससे प्रेरणा लेंगे।”

इस मौके पर सोसायटी के सचिव हबीब मौलानी, मोहम्मद उमर मौलानी, अनवर अली मौलानी, अजमत अली मौलानी, पार्षद इकराम भाटी, आरिफ टाक, उमर राव, मोहम्मद इमरान राव, इकबाल राव, शेर मोहम्मद भाटी, सलीम भाटी समू, रमजान अली मौलानी, फखरुद्दीन राव, यूनुस भाटी, अख्तर मौलानी, सुलेमान मौलानी सहित बड़ी संख्या में सोसायटी सदस्य और समाजसेवी उपस्थित रहे।
मदरसा इस्लामिया सोसायटी के सदर मोहम्मद सलीम कुरैशी ने इस कार्य को “खालिस इंसानियत की खिदमत” करार देते हुए कहा, “नूर मोहम्मद साहब जैसे दरियादिल लोग समाज में रोशनी का काम करते हैं। उनका यह क़दम एक नई पीढ़ी को समाजसेवा की ओर मोड़ने में मदद करेगा।”
मुस्लिम एजुकेशन एंड वेलफेयर सोसायटी के सचिव अकीक अहमद उस्मानी ने भी इस पहल की सराहना करते हुए कहा, “यह काम केवल सुविधा देना नहीं है, बल्कि यह एक संदेश है कि अगर दिल में जज़्बा हो तो छोटा-सा काम भी बड़ी मिसाल बन सकता है।”

नेक क़दम की सराहना में इलाई समाज अध्यक्ष अयूब शेख ने भी अपनी भावनाएं प्रकट करते हुए कहा कि “नूर मोहम्मद साहब ने स्टेशन पर मुसाफ़िरों की सहूलियत के लिए जो कदम उठाया है, वह तारीफ के काबिल है। उनकी सोच केवल सुविधा तक सीमित नहीं है, बल्कि यह समाज में भाईचारे और सेवा भावना को मज़बूत करने की ओर इशारा करती है। हम उनके इस योगदान के लिए दिल से शुक्रगुज़ार हैं और उम्मीद करते हैं कि समाज के और लोग भी इस राह पर चलेंगे।”
छीपा वेलफेयर सोसायटी, कुचामन सिटी की ओर से इस कार्य के लिए नूर मोहम्मद साहब का विशेष आभार जताया गया और दुआ की गई कि अल्लाह उन्हें तंदरुस्ती, बरकत और कामयाबी से नवाज़े। उनका यह कार्य न सिर्फ मुसाफ़िरों के लिए राहत है बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए समाजसेवा का एक उज्जवल उदाहरण भी है।