कुचामन सिटी के राजकीय जिला चिकित्सालय के एक्स-रे विभाग में गुरुवार को एक्स-रे के महान आविष्कारक विल्हेम कॉनराड रॉन्टजन की जयंती हर्षोल्लास के साथ मनाई गई। इस अवसर पर चिकित्सालय के वरिष्ठ अधिकारियों, रेडियोग्राफर एवं चिकित्सा कर्मियों ने एक्स-रे तकनीक के जनक को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके योगदान को याद किया।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राजकीय जिला चिकित्सालय कुचामन के प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ. वी.के. गुप्ता ने अपने उद्बोधन में कहा कि रॉन्टजन के एक्स-रे आविष्कार ने चिकित्सा जगत में एक अभूतपूर्व क्रांति ला दी। उनके इस योगदान की बदौलत आज मेडिकल साइंस नई ऊंचाइयों को छू रहा है। उन्होंने कहा कि एक्स-रे के बाद सीटी स्कैन, एमआरआई, पीईटी स्कैन, सोनोग्राफी, डिजिटल एक्स-रे मशीन, कंप्यूटराइज्ड रेडियोग्राफी, सी-आर्म जैसी अत्याधुनिक जांच विधियां संभव हो सकीं, जो मरीजों के सटीक निदान और प्रभावी इलाज में मददगार साबित हो रही हैं।

रेडियोग्राफर अधीक्षक कृष्ण मुरारी मुंडोतिया ने जानकारी देते हुए बताया कि रॉन्टजन के आविष्कार के बिना आधुनिक चिकित्सा विज्ञान की कल्पना भी नहीं की जा सकती। एक्स-रे तकनीक के माध्यम से जटिल से जटिल बीमारियों की पहचान करना अब संभव हो गया है, जिससे लाखों मरीजों को समय पर उचित इलाज मिल रहा है।

नर्सिंग अधीक्षक राधेश्याम कांसोटिया ने इस अवसर पर एक्स-रे को मानव शरीर की जांच के लिए सबसे महत्वपूर्ण आविष्कार बताया। उन्होंने कहा कि एक्स-रे चिकित्सा क्षेत्र के लिए वरदान है, लेकिन इसके उपयोग से उत्पन्न रेडिएशन प्रभावों के प्रति भी सतर्क रहने की आवश्यकता है। एक्स-रे विभाग में कार्यरत कार्मिकों को सुरक्षा मानकों का पालन करना चाहिए, ताकि वे स्वयं और मरीज दोनों सुरक्षित रहें।
उल्लेखनीय उपस्थिति
इस आयोजन में डॉ. बलबीर सिंह ढाका, डॉ. मनजीत सिंह कविया, डॉ. दुर्गाराम चौधरी, रेडियोग्राफर राकेश कुमावत, भंवरलाल कुमावत, दिनेश कुमावत, दिलीप कांसोटिया, शैलेंद्र सिंह जावा, विजेंद्र कुमार सहित कई चिकित्सक, नर्सिंग स्टाफ और एक्स-रे विभाग के कार्मिक उपस्थित रहे।

कार्यक्रम के समापन पर रॉन्टजन की उपलब्धियों को नमन करते हुए चिकित्सा विज्ञान में उनके योगदान को हमेशा स्मरण रखने का संकल्प लिया गया।