रमजान माह में मासूम बच्चे भी नहीं रोजा रखने में पीछे,सात साल की समीना और छः साल के जुनैद ने रखा पहला रोजा

रमजान माह में मासूम बच्चे भी नहीं रोजा रखने में पीछे

सात साल की समीना और छः साल के जुनैद ने रखा पहला रोजा

देश में अमन – चैन और सद्भाव की मांगी दुआएं

इस साल रमजान के पवित्र महीने के दौरान मासूम बच्चों में भी रोजे रखने का जुनून देख जा रहा है । इसी सिलसिले में कुचामन सिटी के मोहल्ला लुहारान निवासी मौलाना आशिक अली की सात वर्षीय बेटी समीना ने भीं शुक्रवार को रमजान माह के पहले जुमे के दिन अपने जीवन का पहला रोजा रखा ।

इस दौरान परिवार में खुशी का माहौल रहा। परिजनों ने समीना का हौसला बढ़ाया और शाम को इफ्तार का विशेष आयोजन किया गया। समीना की अम्मी हिना बेगम ने बताया की रोजा खोलने से पहले समीना ने अपने परिवार के साथ इस देश में शांति, अमन,सद्भाव और भाईचारे के लिए दुआएं मांगी । समीना के पिता मौलाना आशिक अली ने कहा कि रमजान केवल इबादत का महीना नहीं है। यह इंसानियत, मोहब्बत और भाईचारे का संदेश भी देता है। मोहल्ले के लोगों ने बच्चों की हिम्मत की सराहना की।

छः साल के जुनैद टाक ने भी रखा पहला रोजा

इसी तरह वार्ड नंबर 10 के पार्षद फारूक टाक के भतीजे छः साल के जुनैद टाक ने भी अपनी जिंदगी का पहला रोजा शुक्रवार को रखा ।

जुनैद के पिता हुसैन टाक ने बताया की जुनैद पहले रोजे के दिन से ही रोजा रखने की जिद कर रहा था और आखिर शुक्रवार के दिन उसने जिद करते हुए अपनी जिंदगी का पहला रोजा रखा । रोजे के दौरान जुनैद ने परिजनों के साथ इबादत की और रोजे के दौरान वक्त की पाबंदी के साथ नमाज भी अदा की । शाम को परिवार ने रोजा कुशाई का आयोजन किया और सब ने मिलकर इफ्तार किया

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