ग्राम मोडरिया को पंचायत बनाने की मांग ने पकड़ा जोर, सैकड़ों ग्रामीणों ने सौंपा ज्ञापन

नागौर जिले के डेगाना उपखंड के ग्राम मोडरिया के निवासियों ने अपने गांव को स्वतंत्र ग्राम पंचायत का दर्जा देने की पुरजोर मांग उठाई है। शनिवार को बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने एकत्रित होकर उपखंड अधिकारी (एसडीएम) ओमप्रकाश माचरा को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में ग्रामीणों ने ठोस तर्कों, नक्शों और साक्ष्यों के साथ अपना पक्ष रखा और राज्य सरकार से जल्द से जल्द प्रस्ताव को मंजूरी देने की अपील की।

ग्राम पंचायत मोडरिया की मांग क्यों जरूरी?

ग्रामीणों का कहना है कि वर्तमान में मोडरिया ग्राम पंचायत बंवरला के अधीन आता है, लेकिन प्रशासनिक, भौगोलिक और जनसंख्या की दृष्टि से इसे एक स्वतंत्र पंचायत का दर्जा मिलना चाहिए। उन्होंने बताया कि गांव की आबादी, संसाधन, राजस्व आय और बुनियादी ढांचे को देखते हुए मोडरिया एक अलग पंचायत के रूप में कार्य करने की सभी आवश्यकताओं को पूरा करता है।

ग्रामीणों ने यह भी स्पष्ट किया कि पंचायतीराज विभाग के नियमों और दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए प्रस्ताव तैयार किया गया है। प्रस्ताव में पंचायत गठन के लिए आवश्यक जनसंख्या मानक, भौगोलिक परिस्थिति और प्रशासनिक आवश्यकताओं की विस्तृत जानकारी दी गई है।

ग्रामवासियों की एकजुटता ने बढ़ाई मांग की ताकत

ज्ञापन सौंपने के दौरान मोडरिया गांव के सैकड़ों ग्रामीणों ने अपनी एकता और समर्थन का प्रदर्शन किया। गांव के प्रमुख नागरिकों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और युवा प्रतिनिधियों ने एकस्वर में सरकार से इस मांग पर शीघ्र निर्णय लेने का अनुरोध किया। ज्ञापन सौंपने वालों में मालमसिंह, धन्नाराम बेडा, मोतीराम बेडा, गोपालराम गुगड़, जीवनराम गुगड़, भागीरथ चोटिया, हरिराम, रामुराम जांगिड़, रामसुख बैरा, लखाराम बेरा, देवराज बेरा, किशनाराम गुगड़, मानसिंह, बाबुलाल, करणीदान, रतनाराम, श्रवणराम, भवराराम, सुखाराम सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण शामिल थे।

जनहित में बड़ा कदम, प्रशासनिक व्यवस्था होगी सुदृढ़

ग्रामीणों का कहना है कि यदि मोडरिया को एक स्वतंत्र ग्राम पंचायत का दर्जा मिलता है, तो इससे गांव के विकास कार्यों को गति मिलेगी। प्रशासनिक कामकाज में पारदर्शिता आएगी और सरकारी योजनाओं का लाभ सीधे गांववासियों तक पहुंचेगा। वर्तमान में बंवरला ग्राम पंचायत के अधीन होने के कारण कई विकास कार्यों में बाधाएं आती हैं, लेकिन अलग पंचायत बनने से इन समस्याओं का समाधान हो सकेगा।

सरकार से जल्द फैसले की उम्मीद

मोडरिया के ग्रामीणों ने राज्य सरकार और प्रशासन से आग्रह किया है कि जनहित को ध्यान में रखते हुए इस प्रस्ताव को जल्द से जल्द स्वीकृति दी जाए। उन्होंने कहा कि यह न केवल प्रशासनिक सुगमता के लिए जरूरी है, बल्कि ग्रामीण विकास की दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।

अब सबकी नजरें सरकार के फैसले पर टिकी हैं। देखना दिलचस्प होगा कि प्रशासन इस मांग को कब तक स्वीकार करता है और क्या मोडरिया को जल्द ही अपनी अलग पंचायत के रूप में पहचान मिलती है?

error: News 1 Rajasthan