राज्य स्तरीय अंडर-14 फुटबॉल चैंपियनशिप में बीकानेर को 4-2 से हराया, बेटियों ने दिलाया नागौर को गौरव
“म्हारी बेटियां बेटों से कम है के?” — इस सवाल का जवाब नागौर की बालिका फुटबॉल टीम ने अपने शानदार प्रदर्शन से पूरे राजस्थान को दे दिया है। राज्य स्तरीय अंडर-14 बालिका फुटबॉल प्रतियोगिता के फाइनल में नागौर की टीम ने बीकानेर को 4-2 से हराकर न केवल खिताब अपने नाम किया, बल्कि यह साबित कर दिया कि बेटियां जब ठान लें तो मैदान हो या मुकाम, हर जगह इतिहास लिख सकती हैं।

जयपुर के विद्याधर नगर स्टेडियम में 1 से 2 अगस्त तक चली प्रतियोगिता में नागौर की बालिका टीम ने क्वार्टर फाइनल में अजमेर को 3-1, सेमीफाइनल में जयपुर को 5-0 और फाइनल में बीकानेर को हराकर ट्रॉफी पर कब्जा जमाया।
टीम की कप्तान रितिका के नेतृत्व में रुचिका, प्रीति, अमृता, अक्षिता, अनुराधा, राधिका, गायत्री, ममता, पलक, मोनिका, वीना, अंजली, हर्षिता और अलीशा मिर्जा ने ऐसा तालमेल दिखाया, जिससे दर्शक भी रोमांचित हो उठे।

नागौर जिला फुटबॉल संघ के सचिव फरहत अली फाइनल मैच के दौरान मैदान में मौजूद रहे । जीत के बाद उन्होंने प्रतिक्रिया देते हुए कहा की “यह जीत बेटियों की मेहनत का परिणाम है। हमारी बेटियों ने मैदान पर जिस आत्मविश्वास और अनुशासन का प्रदर्शन किया, वह गौरवपूर्ण है। कोचिंग, चयन और हर स्तर पर संगठित प्रयासों का यह प्रतिफल है। नागौर की यह जीत पूरे जिले के खेल इतिहास का स्वर्णिम पन्ना है।”
प्रशिक्षण और तैयारी:
टीम को कोच शादाब उस्मानी ने प्रशिक्षित किया, जबकि प्रशिक्षण शिविर का आयोजन मारवाड़ ग्रुप की ओर से डॉ. चौधरी के नेतृत्व में हुआ। टीम प्रभारी राकेश गढ़वाल और महिला सहयोगी सरिता ने भी टीम को भरपूर मार्गदर्शन दिया। खिलाड़ियों का चयन अरफत अली, सरफराज (मकराना), सादिक अली और सगीर अली ने किया।

नागौर जिला फुटबॉल संघ के अध्यक्ष चेतन डूडी ने कहा कि “जिले की इन होनहार बेटियों ने मैदान में जो पराक्रम दिखाया है, वो पूरे जिले के लिए प्रेरणा है। यह जीत हमें बताती है कि सही मार्गदर्शन और आत्मबल से बेटियां किसी भी क्षेत्र में इतिहास रच सकती हैं। म्हारी बेटियां, अब हर क्षेत्र में बेटों से कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं।”
इस जीत पर नागौर जिला फुटबॉल संघ के उपाध्यक्ष शबीक अहमद उस्मानी ने कहा कि”यह सिर्फ एक ट्रॉफी नहीं, यह बेटियों के हौसले, मेहनत और जुनून की पहचान है। नागौर की इस टीम ने बता दिया कि गांव-कस्बों की बेटियां भी अब राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं में झंडे गाड़ सकती हैं। पूरी टीम को तहे दिल से बधाई।”

मारवाड़ ग्रुप चेयरमैन डॉ. सोहन चौधरी ने कहा की “हमने बेटियों को सिर्फ मैदान नहीं, मंच और मार्गदर्शन देने का प्रयास किया — और उन्होंने इतिहास लिख दिया। यह जीत सिर्फ फुटबॉल की नहीं, यह सोच की जीत है कि अगर बेटियों को संसाधन, भरोसा और समर्थन मिले तो वे हर क्षेत्र में चमत्कार कर सकती हैं। यह टीम अब नागौर ही नहीं, पूरे राजस्थान की शान है।”
सम्मान और बधाई:
टीम की जीत पर अरफत अली, मोहम्मद हनीफ गौड़, सरफराज दुलाराम, शकील अहमद उस्मानी, अंसार सिद्दीकी, अकीक अहमद ,विमल पारीक, अब्दुल मजीद नजमी, सूर्य प्रकाश, सीताराम, मोहम्मद आरिफ, नईमुद्दीन, रामकिशन, चेनाराम सहित अनेकों सामाजिक एवं शैक्षणिक संस्थाओं ने टीम, कोच और चयनकर्ताओं को बधाई दी।

नागौर की बेटियों की ये जीत सिर्फ एक ट्रॉफी नहीं, बल्कि उस सोच का प्रमाण है जो बेटियों को समान अवसर देती है। और अब पूरे नागौर को गर्व से कहने का हक़ है — “हाँ, म्हारी बेटियां बेटों से कतई कम नहीं!”