“माँ अहिल्या: सेवा, समर्पण और सुशासन की प्रतीक — कुचामन में 300वीं जयंती पर युवाओं संग प्रेरणास्रोत संवाद”

पुण्यश्लोक महारानी अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती के उपलक्ष्य में चल रहे भव्य आयोजन श्रृंखला के अंतर्गत कुचामन सिटी के मरुधर नर्सिंग कॉलेज, में आज एक प्रेरणादायक विचार गोष्ठी और संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत माँ अहिल्याबाई के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि के साथ की गई।

इस अवसर पर जिला संयोजक पवन टाक ने जयंती वर्ष के महत्व को रेखांकित करते हुए आयोजन की रूपरेखा प्रस्तुत की और बताया कि यह वर्ष समर्पित है उस ऐतिहासिक महानता को, जिन्होंने शासन को सेवा और करुणा का रूप दिया।

कार्यक्रम की गरिमा बढ़ाते हुए मरुधर नर्सिंग कॉलेज के प्रिंसिपल नितेश शर्मा एवं वरिष्ठ व्याख्याता संदीप सैनी ने मंचस्थ अतिथियों का परिचय कराया और हार्दिक स्वागत किया।

मुख्य वक्ता के रूप में भाजपा जिला महामंत्री बुद्धाराम गरवा ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा, “माँ अहिल्या केवल एक शासक नहीं थीं, वे जननी थीं अपने प्रजाजनों की।” उन्होंने आगे कहा कि अहिल्याबाई होल्कर ने 30 वर्षों तक शासन करते हुए न्याय, करुणा और जनकल्याण को प्राथमिकता दी। वे शस्त्र और शास्त्र दोनों की ज्ञाता थीं।

शिवभक्त अहिल्याबाई ने अपने शासन को भगवान शिव को समर्पित करते हुए अनेक मंदिर, धर्मशालाएँ, घाट, मार्ग और व्यापारिक केंद्रों का निर्माण कराया। उनके कार्यों में सामाजिक समरसता, न्याय और धर्मनिष्ठा की झलक मिलती है।

भारत सरकार द्वारा उनकी स्मृति में डाक टिकट जारी करने के उपरांत अब ₹300 मूल्य का विशेष सिक्का भी जारी किया गया है, जो उनके ऐतिहासिक योगदान का सम्मान है।

संवाद कार्यक्रम में बड़ी संख्या में छात्र-छात्राओं ने भाग लिया और अहिल्याबाई के जीवन से जुड़ी प्रेरणाएँ प्राप्त कीं। कार्यक्रम का संचालन ओजस्वी वक्ता जितेंद्र सिंह ने अत्यंत प्रभावशाली शैली में किया।

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