राजस्थान के अमर वीर, स्वतंत्रता और आत्मसम्मान के प्रतीक महाराणा प्रताप की जयंती के मौके पर कुचामन सिटी के भारतीय जनता पार्टी कार्यालय में भावपूर्ण कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत महाराणा प्रताप के चित्र पर माल्यार्पण और पुष्पांजलि अर्पित कर की गई। इस समय, पूरा माहौल राष्ट्रभक्ति और सम्मान से ओतप्रोत था।

इसके बाद नगर परिषद कुचामन सिटी में नेता प्रतिपक्ष अनिल सिंह मेड़तिया ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, “महाराणा प्रताप केवल एक योद्धा नहीं, वे भारत के आत्मसम्मान और स्वराज की भावना के प्रतीक हैं। उन्होंने कभी मुगल सत्ता के आगे सिर नहीं झुकाया और जीवन पर्यंत संघर्ष किया। उनके विचार आज भी हम सबके लिए प्रेरणा हैं।”

पार्षद अय्यूब शेख ने अपने उद्बोधन में कहा, “महाराणा प्रताप की सबसे बड़ी विशेषता यह थी कि उन्होंने अपने संघर्ष में जाति और धर्म से ऊपर उठकर सभी को साथ लिया। उनके प्रमुख सेनापतियों में से एक थे हकीम खाँ सूर, जो एक मुस्लिम थे और महाराणा प्रताप के प्रति पूर्ण निष्ठावान थे।” उन्होंने आगे कहा, “हकीम खाँ सूर ने हल्दीघाटी युद्ध में, महाराणा प्रताप के लिए,मुगलों के खिलाफ वीरता से लड़ते हुए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए। इससे स्पष्ट है कि महाराणा प्रताप की सेना में सब धर्मों के लोग थे, और उनकी लड़ाई अन्याय के खिलाफ थी, न कि किसी धर्म के खिलाफ।”
उन्होंने यह भी कहा कि, “आज के दौर में महाराणा प्रताप की ये समावेशी सोच और सामाजिक एकता का संदेश सबसे ज़्यादा प्रासंगिक है।”

कार्यक्रम में भाजपा के कई वरिष्ठ पदाधिकारी, कार्यकर्ता और गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे। प्रमुख उपस्थित लोगों में महामंत्री जसराज खुड़ीवाल, पार्षद सुरेश सिखवाल, अविनाश राजौरिया, श्याम चंदेलिया, गौतम चंदेलिया, रामसिंह, विजेंद्र सिंह, आनंद व्यास, देशी गुजर, नथमल शर्मा, आनंद राजेंद्र, गणेश सोनी, मनोज स्नेही और अन्य कार्यकर्ता सम्मिलित थे।

कार्यक्रम का समापन भारत माता व महाराणा प्रताप के जयघोष के साथ हुआ। इस अवसर पर सभी ने देश और समाज की एकता को बनाए रखने तथा महाराणा प्रताप के आदर्शों पर चलने का संकल्प लिया।
