आंदोलनरत किसानों की रिहाई और एमएसपी कानून लागू करने की मांग

कुचामन सिटी में अखिल भारतीय किसान सभा के कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को कुचामन के अतिरिक्त जिला कलेक्टर को महामहिम राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में पंजाब में आंदोलनरत किसानों की बिना शर्त रिहाई की मांग उठाई गई।

किसान सभा के नेताओं ने कहा कि सरकार को जल्द से जल्द शांति वार्ता बुलाकर किसानों को रिहा करना चाहिए, ताकि आंदोलन के कारण उत्पन्न तनाव को खत्म किया जा सके।

ज्ञापन में कृषि सुधारों को लेकर तीन प्रमुख मांगें रखी गईं:

  1. एमएसपी कानून लागू किया जाए – देशभर के किसानों को उनकी उपज का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) कानूनी गारंटी के साथ मिले, जिससे वे आर्थिक रूप से सुरक्षित रह सकें।
  2. किसानों की संपूर्ण कर्ज़ माफी – छोटे और मध्यम वर्ग के किसानों को कर्ज के बोझ से मुक्त करने की आवश्यकता पर जोर दिया गया।
  3. झूठे मुकदमे वापस लिए जाएं – राजस्थान के नागौर जिले के सीरासनी गांव में किसानों पर दर्ज झूठे मुकदमों को रद्द करने की मांग भी ज्ञापन में शामिल रही।

किसान नेताओं ने सरकार को दी चेतावनी

किसान सभा के नेताओं ने कहा कि यदि उनकी मांगों पर शीघ्र कार्रवाई नहीं हुई, तो देशभर में आंदोलन और तेज़ किया जाएगा। उन्होंने केंद्र सरकार से अपील की कि वह किसानों की समस्याओं को गंभीरता से ले और शीघ्र समाधान निकाले।

ज्ञापन सौंपने वालों में जिला सचिव मोतीलाल शर्मा, कामरेड अब्बास खान, कानाराम बिजारणिया, महावीर सिंह, महेंद्र, हरफूल रायल टोडास, सुरेश दहिया और छोगाराम घाटवा सहित कई किसान नेता मौजूद रहे।

सरकार क्या करेगी?

अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि सरकार किसानों की इन मांगों को लेकर क्या रुख अपनाती है। किसान सभा का कहना है कि यदि जल्द कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया गया, तो किसान आंदोलन को और व्यापक किया जाएगा।

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