जानिए, जकात पर सबसे पहला हक किसका होता है ?

डीडवाना में क्षेत्रीय उलमाओं और मस्जिदों के पेश इमाम की एक अहम बैठक शहर काजी रेहान उस्मानी की सदारत में मोहल्ला काजियान में आयोजित हुई ।

डीडवाना के चीफ शहर काजी रेहान उस्मानी ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि माहे रमजान इबादत और परहेजगारी का महीना है, रोजा हर बालिग ,मर्द और औरत पर फर्ज है ,बिना किसी शरई जरूरत के रोजा तर्क करना गुनाह है,

काजी उस्मानी ने कहा कि माहे रमजान में फ़ितरा अदा करना वाजिब है और ये इस साल 75 रूपये तय किया गया है । दरअसल फ़ितरा दो किलो पैंतालीस ग्राम गेहूं है जिसकी कीमत आप 75 रूपये अदा करें या गेहूं अदा करें ।

नायब शहर काजी मोहम्मद सादिक उस्मानी ने कहा कि इबादतों के साथ साथ अपने मुल्क की तरक्की और भाईचारे की दुआएं भी करें । उन्होंने कहा कि कई लोगों का कहना है कि वे सरकारी गेहूं खाते है तो ऐसे लोगों को, गेहूं के रूप में ही फितरा अदा करना चाहिए ।

जकात के बारे में आमजन के नाम एक संदेश में चीफ शहर काजी रेहान उस्मानी ने कहा कि अगर आपके पास साढ़े सात तोला सोना या साढ़े बावन तोला चांदी या इसके बराबर कीमत का कोई माल है तो ढाई प्रतिशत यानी कुल आय का चालीसवां हिस्सा जकात के रूप में अदा करें ,उन्होंने कहा की जकात पर सबसे पहले आपके अपनों का हक है मुनासिब है गरीब रिश्तेदारों को अदा करें ।

इस दौरान मुल्क में अमन, उन्नति और भाईचारे की दुआएं की गई । बैठक में मौलाना वसीमुद्दीन मिस्बाही, मौलाना अब्दुर्रशिद रिज़वी, मौलाना सैयद लियाकत अली सहित कई उलेमा और पेश इमाम मौजूद रहे ।

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